वो बुलाती है मगर जाने का नई
वो बुलाती है मगर जाने का नई
निकल गयी जो धोखेबाज
उसकी सहेली करती है प्यार
अरे निकल गयी जो धोखेबाज
उसकी सहेली करती है प्यार
तोड़ गयी जो दिल को आज
उसकी सहेली करती है प्यार
खा गया धोखा फिर दुबारा खाने का नई
( वो बुलाती है मगर जाने का नई ) .....2
निकल गयी जो धोखेबाज
उसकी सहेली करती है प्यार
तोड़ गयी जो दिल को आज
उसकी सहेली करती है प्यार
खा गया धोखा फिर दुबारा खाने का नई
( वो बुलाती है मगर जाने का नई ) .....2
( भोली सुरतिया उसकी मन को लुभाती है
नैनो से कुछ कुछ बोल के दिवाना बनाती है ) .....2
पर उसकी अदा में हम तो फिदा होने का नई
( वो बुलाती है मगर जाने का नई ) .....2
( हो टूट गया है भरोसा प्यार मोहोब्बत से
फिर भी क्यूं दिल खींचा जाये
उसकी मासूमियत पे ) .....2
पर अपनी दिल की बातों में हम को आने का नई
( वो बुलाती है मगर जाने का नई ) .....2
निकल गयी जो धोखेबाज
उसकी सहेली करती है प्यार
तोड़ गयी जो दिल को आज
उसकी सहेली करती है प्यार
खा गया धोखा फिर दुबारा खाने का नई
( वो बुलाती है मगर जाने का नई ) .....2
--------------------समाप्त--------------------
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